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दिल के चंद एहसास



अपनों पर लुटाते रहे जब तलक हम, 
अपनी ख्वाहिशें तमाम,,,
हम उनके लिए  'सनम' खास बने रहे।।
ज्यों ही माँगी हमने उनकी चंद ख्वाहिशें 'सनम' 
हम उनकी नजरों में बकवास रह गए।।


----विचार एवं शब्द-सृजन----
----By---
----Shashank मणि Yadava’सनम’----
---स्वलिखित एवं मौलिक रचना---

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13 Comments

Gunjan Kamal

30-Aug-2022 04:49 AM

बहुत खूब

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Mithi . S

26-Aug-2022 01:59 PM

Nice

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